Savings Account Updates – अगर आप भी अपने सेविंग अकाउंट में बड़ी रकम कैश में जमा करते हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। आजकल इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे मामलों पर खास नजर रखना शुरू कर दिया है जहां लोग बार बार या बड़ी राशि नकद में अपने बैंक खाते में जमा कर रहे हैं। अगर आप इन नियमों से अनजान हैं और गलती से लिमिट से ज्यादा कैश जमा कर देते हैं तो आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से नोटिस आ सकता है। और अगर आपने इसका जवाब ठीक से नहीं दिया तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
इनकम टैक्स विभाग ने तय की है कैश लिमिट
सरकार ने टैक्स चोरी और काले धन पर लगाम लगाने के लिए कुछ सख्त नियम बनाए हैं। इन्हीं में से एक नियम यह है कि कोई भी व्यक्ति अगर एक वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल से मार्च के बीच अपने सेविंग अकाउंट में दस लाख रुपये से ज्यादा नकद जमा करता है तो आयकर विभाग को इसकी जानकारी दी जाती है। फिर विभाग आपसे पूछ सकता है कि यह रकम कहां से आई और आपने इसका टैक्स क्यों नहीं भरा।
अगर आप इसका स्पष्ट और सही जवाब नहीं देते हैं या आपके पास कोई दस्तावेज नहीं है जिससे इस रकम का स्रोत साबित किया जा सके तो आयकर विभाग आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। इसलिए हमेशा सलाह दी जाती है कि अगर आप बड़ी रकम जमा कर रहे हैं तो उसका स्रोत क्लियर हो और आप उसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न में भी दिखाएं।
एक दिन में कितनी नकद जमा करने पर शक हो सकता है
अगर आपने पूरे साल में दस लाख रुपये नहीं जमा किए लेकिन एक ही दिन में एक लाख रुपये से ज्यादा कैश जमा किया है तो भी आयकर विभाग की नजर आप पर आ सकती है। विभाग को यह लग सकता है कि आप अपनी आय छिपा रहे हैं और काले धन को सफेद बना रहे हैं। खासकर जब बार बार एक ही खाते में बड़ी रकम कैश में जमा की जाती है तो यह संदेह का विषय बन जाता है।
कौन से लोग हो सकते हैं विभाग के रडार पर
ऐसे लोग जो व्यापार करते हैं और जिनके यहां रोज नकदी का लेनदेन होता है उन्हें भी सतर्क रहना चाहिए। आप अगर हर महीने पचास हजार या एक लाख रुपये कैश में बैंक में जमा कर रहे हैं और उसका कोई वैध स्रोत नहीं दिखा पा रहे हैं तो विभाग पूछताछ कर सकता है।
उदाहरण के लिए अगर आप किराएदारी की आय, प्रॉपर्टी बेचने से हुई रकम, गिफ्ट में मिली राशि या व्यापार की कमाई अपने सेविंग अकाउंट में जमा कर रहे हैं तो उसका पूरा रिकॉर्ड रखें। अगर आप इसे इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाते हैं और अचानक से बैंक अकाउंट में बड़ी नकद राशि जमा हो जाती है तो विभाग को शक हो सकता है।
नोटिस मिलने पर क्या हो सकता है
अगर आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आता है और आपने इसका समय पर जवाब नहीं दिया या दस्तावेज नहीं दिए तो कई समस्याएं हो सकती हैं। सबसे पहले तो आपका बैंक खाता फ्रीज किया जा सकता है जिससे आप कोई लेनदेन नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा अगर मामला ज्यादा गंभीर हुआ और आपने टैक्स चोरी की तो जेल भी हो सकती है।
कैसे बचें इन परेशानियों से
अब सवाल यह उठता है कि आखिर हम कैसे इस स्थिति से बच सकते हैं और क्या सावधानियां रखनी चाहिए
1. आय के स्रोत का रखें रिकॉर्ड
आप जो भी नकद जमा कर रहे हैं उसका पूरा स्रोत क्लियर हो। जैसे कि यदि आपने कोई गाड़ी बेची है तो उसका सेल एग्रीमेंट हो या रसीद हो। अगर आपने किसी से लोन लिया है तो उसकी लिखित रसीद होनी चाहिए। अगर आपने किसी को घर किराए पर दिया है तो उसका एग्रीमेंट हो और किराया किस महीने मिला इसका सबूत हो।
2. जरूरी हो तो टैक्स एक्सपर्ट की मदद लें
अगर आप समझ नहीं पा रहे कि आपको इनकम टैक्स रिटर्न में क्या दिखाना है और क्या नहीं तो किसी टैक्स एक्सपर्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लें। वे आपको सही सलाह देंगे कि आपकी जमा राशि टैक्स के दायरे में आती है या नहीं।
3. बार बार छोटी रकम न जमा करें
कई लोग सोचते हैं कि अगर वे बार बार दस बीस हजार रुपये जमा करते रहेंगे तो विभाग की नजर से बच जाएंगे। लेकिन यह तरीका उल्टा पड़ सकता है। इनकम टैक्स विभाग के पास पूरी ट्रांजेक्शन की जानकारी होती है और अगर आपको बार बार छोटी राशि जमा करते हुए देखा गया तो भी शक हो सकता है।
4. ITR में दें बड़ी रकम की जानकारी
अगर आपने बैंक में कोई बड़ी रकम जमा की है और वह आपकी टैक्सेबल इनकम में आती है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न में जरूर दिखाएं। इससे आपकी पारदर्शिता बनी रहती है और विभाग को यह भरोसा होता है कि आप टैक्स नियमों का पालन कर रहे हैं।
आज के समय में जब सरकार डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दे रही है और काले धन पर शिकंजा कस रही है तब नकद लेनदेन को लेकर नियम भी सख्त हो गए हैं। ऐसे में अगर आप अपने सेविंग अकाउंट में बार बार या एक साथ बड़ी नकद राशि जमा कर रहे हैं तो आपको उसके स्रोत और टैक्स विवरण की पूरी जानकारी रखनी चाहिए। वरना एक छोटी सी गलती भी आपको कानूनी झमेले में डाल सकती है।
हमेशा कोशिश करें कि आप अधिकतर लेनदेन डिजिटल करें और अगर कैश में कुछ जमा करना भी हो तो उसका स्पष्ट स्रोत और सबूत रखें ताकि आप बेवजह की परेशानी से बच सकें।