RBI New Update – आजकल बाजार में नकली नोटों का चलन काफी बढ़ गया है और खासकर ₹100 के नोट बहुत ज़्यादा फर्जी पाए जा रहे हैं। इस पर चिंता जताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने नकली नोटों की पहचान के कुछ बेहद आसान लेकिन असरदार तरीके बताए हैं। इन तरीकों को जानकर आप आसानी से असली और नकली ₹100 के नोटों में फर्क कर सकते हैं।
सरल शब्दों में कहें तो RBI अब चाहता है कि आम जनता भी नकली नोटों को पहचानने में स्मार्ट बने ताकि ठगी से बचा जा सके और फाइनेंशियल सिस्टम भी सुरक्षित रहे। चलिए विस्तार से जानते हैं कि आखिर RBI ने क्या उपाय बताए हैं और हम इन्हें अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे अपनाएं।
नकली नोटों का बढ़ता खतरा
देश में हर दिन लाखों-करोड़ों की नकदी लेन-देन होती है और ₹100 का नोट सबसे आम इस्तेमाल होने वाला नोट है। यही वजह है कि जालसाज सबसे ज्यादा इसकी नकल करते हैं। नोटबंदी के बाद से नकली नोट छापने वालों ने अपने तरीके और तकनीक में भी सुधार कर लिया है जिससे असली और नकली नोटों में फर्क करना मुश्किल हो गया है।
RBI ने बताए नकली नोट पकड़ने के आसान तरीके
अब बात करते हैं उन उपायों की जो RBI ने आम जनता को नकली ₹100 के नोट पहचानने के लिए सुझाए हैं।
1. नोट को छूकर पहचानें
RBI का कहना है कि असली नोट को छूने पर उसकी सतह पर उभार महसूस होता है। खासकर गांधीजी की तस्वीर, अशोक स्तंभ और अन्य डिज़ाइनों में उभार होता है जो उंगलियों से महसूस किया जा सकता है। नकली नोटों में यह उभार नहीं होता या बहुत हल्का होता है।
2. होलोग्राफिक स्ट्रिप देखें
असली ₹100 के नोट में बायीं ओर एक होलोग्राफिक स्ट्रिप होती है जो अलग-अलग एंगल से देखने पर रंग बदलती है। नकली नोटों में यह फीचर या तो होता ही नहीं है या बहुत खराब क्वालिटी का होता है। इसलिए इस स्ट्रिप को ध्यान से देखें।
3. माइक्रो प्रिंटिंग जांचें
नोट के सामने वाले हिस्से में बहुत ही बारीक अक्षरों में RBI और 100 लिखा होता है जिसे आप सीधे नहीं देख सकते। इसके लिए आपको लेंस या ज्यादा रोशनी में देखना होगा। नकली नोटों में यह प्रिंटिंग या तो गायब होती है या बहुत धुंधली होती है।
4. UV लाइट से पहचान
UV यानी अल्ट्रावायलेट लाइट में असली ₹100 के नोट में कुछ हिस्से चमकते हैं जैसे सिक्योरिटी थ्रेड और कुछ नंबर। नकली नोटों में यह चमक नहीं आती। बैंक और कुछ बड़े दुकानदार इस तकनीक का खूब इस्तेमाल करते हैं।
5. रिवर्स साइड यानी पीछे की जांच करें
नोट के पीछे की तरफ एक सिक्योरिटी थ्रेड होती है जो कुछ हद तक आर-पार दिखाई देती है। असली नोट में यह थ्रेड स्पष्ट रूप से दिखती है जबकि नकली नोटों में यह या तो होती नहीं या छिपी होती है।
6. स्पेशल इंक और कलर चेंजिंग इफेक्ट
RBI के मुताबिक ₹100 के असली नोट में इस्तेमाल किया गया इंक खास होता है। उदाहरण के लिए जब आप नोट को झुकाकर देखते हैं तो उसमें कुछ हिस्सों का रंग बदलता हुआ नजर आता है। नकली नोटों में ऐसा कोई इफेक्ट नहीं होता।
7. वाटरमार्क जरूर देखें
₹100 के असली नोट में गांधीजी का वाटरमार्क होता है जो रोशनी में दिखता है। यह वाटरमार्क नकली नोटों में या तो गायब होता है या बहुत हल्का नजर आता है।
वास्तविक उदाहरणों से समझिए
मेरे एक दोस्त ने एक बार बाजार से सामान खरीदा और दुकानदार को ₹100 का नोट दिया। दुकानदार ने तुरंत नोट को लौटाते हुए कहा कि यह नकली है। कारण पूछा तो उसने कहा कि नोट की होलोग्राफिक स्ट्रिप में रंग नहीं बदल रहा और सतह भी सपाट थी। एक और मामला बैंक का है जहां एक ग्राहक नोट जमा करने पहुंचा और बैंककर्मी ने UV लाइट में जांचकर नोट को फर्जी घोषित किया।
इन तरीकों का क्या फायदा है
इन सभी तरीकों को अपनाने से न सिर्फ आप खुद ठगी से बच सकते हैं बल्कि दूसरों को भी जागरूक कर सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम नकली नोटों को पकड़ने के लिए सतर्क रहें। इन छोटी-छोटी बातों को जानकर आप किसी भी फर्जीवाड़े से खुद को बचा सकते हैं।
क्या इन तकनीकों का इस्तेमाल आम आदमी कर सकता है
बिलकुल कर सकता है। इनमें से ज्यादातर तरीके जैसे कि स्पर्श करना, स्ट्रिप देखना, वाटरमार्क जांचना आदि बेहद आसान हैं और इनके लिए किसी खास तकनीक की जरूरत नहीं होती। UV लाइट भी आजकल दुकानों और ऑनलाइन में बहुत कम दाम में उपलब्ध है जिसे खरीदकर आप खुद अपने नोट चेक कर सकते हैं।
RBI के बताए गए उपाय आज के समय में बेहद जरूरी हो गए हैं क्योंकि नकली नोटों का जाल हर तरफ फैलता जा रहा है। हमें चाहिए कि हम खुद जागरूक बनें और दूसरों को भी इस बारे में जानकारी दें। यदि हम इन तरीकों को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाते हैं तो निश्चित तौर पर हम नकली नोटों से बच सकते हैं और देश की आर्थिक सुरक्षा में अपना योगदान दे सकते हैं।