Property Registration 2025 – बढ़ती महंगाई और जटिल सरकारी प्रक्रियाओं के बीच अगर कोई खबर आम आदमी को राहत देती है, तो वह है – संपत्ति की रजिस्ट्री सिर्फ 100 रुपये में। जी हां, अगर आप ज़मीन खरीदने की सोच रहे हैं लेकिन रजिस्ट्री के भारी खर्च से पीछे हट जाते हैं, तो अब वक्त है आगे बढ़ने का। सरकार ने 2025 से कुछ राज्यों में नई योजना लागू की है जिसमें ज़मीन की रजिस्ट्री महज सौ रुपये में हो रही है।
क्या है 100 रुपये में रजिस्ट्री का नया नियम?
अब तक ज़मीन की रजिस्ट्री में हज़ारों से लेकर लाखों रुपये तक खर्च हो जाते थे। अलग से स्टाम्प ड्यूटी, सेवा शुल्क, बिचौलिए की फीस और ऊपर से सरकारी चक्कर अलग से। लेकिन सरकार ने खासतौर पर महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर तबके और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को राहत देने के लिए एक नई स्कीम लागू की है। इस स्कीम के तहत कुछ विशेष वर्गों के लोग ज़मीन की रजिस्ट्री सिर्फ ₹100 में करवा सकेंगे।
योजना का मकसद क्या है?
सरकार का कहना है कि अब तक ज़्यादातर संपत्तियां पुरुषों के नाम पर ही रजिस्टर्ड होती रही हैं, जिससे महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सीमित रही है। वहीं गरीब और भूमिहीन लोगों के लिए ज़मीन खरीदना एक सपना भर बनकर रह गया था। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य इन वर्गों को सशक्त बनाना और रियल एस्टेट को पारदर्शी बनाना है।
योजना के तहत न सिर्फ रजिस्ट्री सस्ती की गई है बल्कि इसे ज्यादा सरल और डिजिटल बनाया गया है ताकि भ्रष्टाचार की संभावना भी कम हो।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं। जैसे:
- महिलाएं अगर ज़मीन खुद के नाम खरीदती हैं
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग यानी EWS के लोग
- अनुसूचित जाति और जनजाति के परिवार
- ग्रामीण इलाकों में भूमिहीन लोग
- राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित अन्य वर्ग
किन राज्यों में शुरू हुई है योजना?
2025 की शुरुआत से योजना को पायलट बेसिस पर कुछ राज्यों में लागू किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- उत्तर प्रदेश – जनवरी 2025 से महिलाओं के लिए
- मध्य प्रदेश – फरवरी 2025 से EWS वर्ग के लिए
- बिहार – मार्च 2025 से महिला और EWS दोनों के लिए
- राजस्थान – अप्रैल 2025 से वंचित वर्गों के लिए
- झारखंड – मई 2025 से अनुसूचित जाति व जनजातियों के लिए
अन्य राज्यों में भी यह योजना धीरे-धीरे लागू की जा सकती है, सरकार इसकी समीक्षा कर रही है।
प्रक्रिया क्या होगी?
अगर आप पात्रता की शर्तें पूरी करते हैं, तो ये है रजिस्ट्री करवाने की आसान प्रक्रिया:
- पात्रता प्रमाण पत्र या दस्तावेज़ तैयार रखें (जैसे जाति प्रमाण पत्र, EWS कार्ड, महिला होने का प्रमाण)
- ज़मीन की खरीद का एग्रीमेंट बनवाएं
- नजदीकी रजिस्ट्री ऑफिस जाएं और आवेदन पत्र भरें
- आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ, ज़मीन से संबंधित कागज़ात जमा करें
- ₹100 की फीस जमा करें और बाकी की प्रक्रिया डिजिटल सिस्टम के जरिए पूरी होगी
इस योजना से कौन लोग बदल रहे हैं अपनी ज़िंदगी?
सीमा देवी (उत्तर प्रदेश): सीमा ने शादी के बाद पहली बार खुद के नाम पर ज़मीन खरीदी और मात्र ₹100 में उसकी रजिस्ट्री करवाई। अब वह खुद खेती करती हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो चुकी हैं।
रामविलास (बिहार): मजदूरी करने वाले रामविलास कभी सोच भी नहीं सकते थे कि ज़मीन का मालिक बन सकते हैं। लेकिन इस स्कीम के जरिए उन्होंने 3 डिसमिल ज़मीन खरीदी और उस पर छोटा घर भी बना लिया।
ऐसे हजारों उदाहरण सामने आ चुके हैं, जो बताते हैं कि यह स्कीम कितनी प्रभावशाली साबित हो रही है।
योजना के फायदे
- महिलाओं को संपत्ति में बराबरी का हक़
- गरीबों को ज़मीन का मालिक बनने का मौका
- रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता
- डिजिटल रिकार्ड से भ्रष्टाचार पर लगाम
- सरकार के पास स्पष्ट और अपडेटेड ज़मीन का डाटा
क्या हैं चुनौतियां?
- अभी भी बहुत से लोग इस स्कीम की जानकारी से अंजान हैं
- कुछ जगहों पर पुराने सिस्टम में काम करने की जिद बनी हुई है
- सही पात्रता की पहचान करना एक बड़ी चुनौती है
भविष्य की तस्वीर
अगर यह स्कीम सफल रहती है और इसके नतीजे सकारात्मक आते हैं, तो संभव है कि इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाए। यह भारत जैसे देश के लिए एक बड़ी सामाजिक और आर्थिक क्रांति की शुरुआत होगी।
2025 की यह नई रजिस्ट्री स्कीम सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं है, यह असमानता को मिटाने, महिलाओं को सशक्त करने और समाज के हर तबके को आगे बढ़ाने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। अगर आप या आपके जानने वाले इस योजना के पात्र हैं, तो इसका फायदा जरूर उठाएं और ज़मीन की रजिस्ट्री को आसान और सस्ती बनाएं।