EPS Pension Scheme – देश के करोड़ों पेंशनधारकों के लिए राहत भरी खबर सामने आ रही है। लंबे समय से ईपीएस यानी कर्मचारी पेंशन योजना के तहत मिलने वाली न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने की मांग की जा रही थी। अभी तक यह पेंशन केवल 1000 रुपये प्रति महीना है जो मौजूदा महंगाई को देखते हुए बेहद कम मानी जाती है। अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है और कोर्ट ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट की टिप्पणी के बाद उम्मीद की जा रही है कि पेंशन को बढ़ाकर सीधे 7500 रुपये प्रति महीना किया जा सकता है।
क्या है ईपीएस पेंशन योजना
ईपीएस यानी Employees’ Pension Scheme एक रिटायरमेंट आधारित योजना है जो ईपीएफओ के तहत संचालित होती है। इसमें नौकरीपेशा कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा पेंशन फंड में जमा होता है और रिटायरमेंट के बाद उस फंड से हर महीने एक तय राशि पेंशन के रूप में दी जाती है। अभी तक इस योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये है जो कि बुजुर्गों की जरूरतों को पूरा करने में नाकाफी साबित हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट में क्या चल रहा है मामला
पेंशन बढ़ोतरी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि आज की तारीख में 1000 रुपये में कुछ भी कर पाना संभव नहीं है। दवा हो या बिजली का बिल, किराया हो या राशन, सब महंगा हो चुका है। ऐसे में इतनी कम पेंशन में बुजुर्गों का जीवन बेहद कठिन होता जा रहा है। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और ईपीएफओ से जवाब मांगा और कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाए।
कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुजुर्ग पेंशनर्स की गरिमा बनाए रखना सरकार और संस्थाओं की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने साफ कहा कि 1000 रुपये की पेंशन में कोई भी व्यक्ति सम्मानजनक जीवन नहीं जी सकता। अदालत ने ईपीएफओ को यह निर्देश दिया कि पेंशन बढ़ोतरी की संभावनाओं को लेकर एक ठोस योजना तैयार की जाए और इसका खाका जल्द पेश किया जाए।
पेंशन बढ़ने से क्या होगा फायदा
अगर पेंशन की राशि 7500 रुपये तक बढ़ती है तो इसका सीधा असर पेंशनर्स के जीवन पर दिखेगा। बुजुर्गों को मेडिकल खर्च, घर का किराया, दवाइयों, बिजली पानी जैसे जरूरी खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वह खुद को आत्मनिर्भर महसूस करेंगे और सामाजिक रूप से उनका सम्मान भी बढ़ेगा। साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक असर दिखेगा क्योंकि उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी।
पेंशन बढ़ने से किसे मिलेगा फायदा
पेंशन की यह बढ़ोतरी उन्हीं लोगों को मिलेगी जिन्होंने अपनी नौकरी के दौरान ईपीएफ स्कीम में नियमित रूप से योगदान दिया है। यानी जिनका ईपीएफ कटता रहा है और जिन्होंने लंबे समय तक सेवा दी है। हालांकि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को फिलहाल इसका लाभ नहीं मिलेगा लेकिन सरकार भविष्य में उनके लिए अलग योजना ला सकती है।
ईपीएफओ का रुख क्या है
ईपीएफओ ने भी माना है कि पेंशन बढ़ाना जरूरी है लेकिन इसके लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करना होगा। अगर पेंशन सीधे 7500 रुपये कर दी जाती है तो इससे ईपीएफओ पर हजारों करोड़ का बोझ बढ़ जाएगा। ऐसे में संस्था इस फैसले को व्यावहारिक तरीके से लागू करने की तैयारी कर रही है। इसमें समय जरूर लगेगा लेकिन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
सरकार की भूमिका और अगला कदम
श्रम मंत्रालय की ओर से संकेत मिल रहे हैं कि सरकार इस फैसले के पक्ष में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जा रही है और जल्द ही ईपीएफओ के साथ उच्च स्तरीय बैठक की जाएगी। सरकार चाहती है कि बुजुर्गों को सम्मानजनक जीवन मिले लेकिन इसके लिए बजट और संसाधनों का संतुलन बनाना भी जरूरी है।
पेंशनर्स के लिए जरूरी सलाह
अगर आप भी ईपीएस पेंशन के लाभार्थी हैं तो अपने दस्तावेजों को अपडेट रखें। केवाईसी पूरी रखें और ईपीएफओ के पोर्टल पर समय समय पर जाकर अपने अकाउंट का स्टेटस चेक करते रहें। जैसे ही सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा होती है तो आप बिना किसी परेशानी के उसका लाभ ले सकें।
ईपीएस पेंशन को 7500 रुपये करने की मांग अब केवल एक मांग नहीं बल्कि जरूरत बन चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सरकार और ईपीएफओ पर दबाव बढ़ गया है कि वे बुजुर्गों को बेहतर जीवन देने के लिए ठोस कदम उठाएं। अगर यह फैसला लागू होता है तो लाखों पेंशनर्स को न केवल राहत मिलेगी बल्कि उनका आत्मसम्मान भी बरकरार रहेगा। अब देखना यह है कि सरकार इस दिशा में कितनी जल्दी और कितनी मजबूती से आगे बढ़ती है।