DA Hike Update – जुलाई 2025 में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक अहम बदलाव होने जा रहा है। वर्तमान समय में मार्च 2025 में केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते (डीए) में 2 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई थी, जिससे यह बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया था। यह वृद्धि पिछले 78 महीनों में हुई सबसे कम वृद्धि थी। अब, मुद्रास्फीति में आई कमी के कारण जुलाई-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत से भी कम बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है या संभव है कि कोई वृद्धि न हो।
यह खबर उन लाखों केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए थोड़ी निराशाजनक हो सकती है, जो जुलाई में होने वाली वृद्धि में बेहतर लाभ की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि, यह बात ध्यान में रखना जरूरी है कि यह सातवें वेतन आयोग के तहत आखिरी महंगाई भत्ते का संशोधन होगा, क्योंकि 31 दिसंबर 2025 को सातवां वेतन आयोग अपने 10 साल पूरे कर रहा है। इस समय के बाद नई वेतन नीति लागू हो सकती है, जो इस भत्ते में बदलाव ला सकती है।
महंगाई भत्ता (DA) क्या है?
महंगाई भत्ता (डियरनेस अलाउंस) केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उनके वेतन के साथ मिलने वाला एक प्रकार का भत्ता है, जो बढ़ती महंगाई के असर को कम करने का काम करता है। महंगाई भत्ता कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि उनके जीवनस्तर पर कोई असर न पड़े और वे महंगाई के मुकाबले सही तरीके से अपनी वित्तीय स्थिति बनाए रख सकें। महंगाई भत्ते की दर हर साल दो बार संशोधित की जाती है: एक जनवरी में और दूसरा जुलाई में।
इसके तहत कर्मचारियों के वेतन के साथ कुछ प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाती है, ताकि वे अपनी खरीदारी की क्षमता को बनाए रख सकें। यह भत्ता विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जो अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सरकारी वेतन पर निर्भर होते हैं।
महंगाई भत्ते का निर्धारण कैसे होता है?
महंगाई भत्ते की दर को निर्धारित करने के लिए श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए गए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का उपयोग किया जाता है। यह सूचकांक उपभोक्ताओं के खर्च के पैटर्न को दर्शाता है और इसका आधार किसी विशेष अवधि के लिए होता है। महंगाई भत्ते में वृद्धि का निर्णय पिछले छह महीनों के CPI-IW (औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) आंकड़ों के विश्लेषण पर निर्भर करता है।
वर्तमान में, AICPI-IW (All India Consumer Price Index for Industrial Workers) में गिरावट देखी गई है, जिसके कारण यह संभावना जताई जा रही है कि महंगाई भत्ते में जुलाई 2025 में बहुत कम या शायद कोई वृद्धि नहीं होगी। इसका प्रभाव लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर पड़ेगा, जो इस समय वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे।
हाल के आंकड़े और उनके प्रभाव
फरवरी 2025 में AICPI-IW 0.4 अंक घटकर 142.8 पर आ गया था, जबकि जनवरी 2025 में यह 143.2 था। इस गिरावट के साथ ही, वार्षिक मुद्रास्फीति दर फरवरी 2025 में 2.59% पर आ गई थी, जो फरवरी 2024 में 4.90% थी। इस प्रकार, यदि यह गिरावट की प्रवृत्ति जारी रहती है, तो जुलाई 2025 में महंगाई भत्ते में बहुत कम बढ़ोतरी या कोई बढ़ोतरी नहीं हो सकती है।
इसके अलावा, खुदरा मुद्रास्फीति, जो आम उपभोक्ता द्वारा महसूस की जाती है, मार्च 2025 में घटकर 3.34% पर आ गई, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम थी। इसका मतलब है कि मुद्रास्फीति की दर अब काफी कम हो गई है, और इसकी वजह से महंगाई भत्ते में अपेक्षित वृद्धि सीमित हो सकती है।
DA कैलकुलेशन का फॉर्मूला
महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक विशिष्ट सूत्र का उपयोग किया जाता है, जिसे 2016 के AICPI के आधार पर संशोधित किया गया है। सूत्र इस प्रकार है:
DA=((औसतCPI−IWपिछले12महीनोंकेलिए×2.88)−261.4261.4)×100DA = \left( \dfrac{(औसत CPI-IW पिछले 12 महीनों के लिए × 2.88) – 261.4}{261.4} \right) \times 100
इसमें CPI-IW पिछले 12 महीनों का औसत होता है, और 261.4 सातवें वेतन आयोग द्वारा निर्धारित आधार सूचकांक है। जब यह औसत CPI-IW बढ़ता है, तो महंगाई भत्ते में वृद्धि होती है। यदि CPI-IW घटता है, तो महंगाई भत्ते में वृद्धि कम हो सकती है।
संभावित प्रभाव और भविष्य की चिंताएँ
यदि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में सुधार नहीं होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह खबर निराशाजनक हो सकती है। अगर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कम होती है, तो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए अतिरिक्त उपाय करने पड़ सकते हैं। इसके अलावा, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की अनुपस्थिति का प्रत्यक्ष असर उनके दैनिक खर्चों और जीवनशैली पर भी पड़ेगा।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई का असर कम से कम महसूस हो, सरकार को भविष्य में महंगाई भत्ते के सही निर्धारण के लिए अतिरिक्त उपायों पर विचार करना होगा।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए जुलाई 2025 में महंगाई भत्ते में किसी बड़ी बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। मुद्रास्फीति की दर में गिरावट के कारण यह बढ़ोतरी सीमित हो सकती है या बिल्कुल भी नहीं हो सकती। ऐसे में कर्मचारियों को अपनी वित्तीय स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और महंगाई भत्ते में अपेक्षित वृद्धि के बजाय अपने खर्चों को नियंत्रित करने के लिए योजना बनानी चाहिए।