RBI ने 4 बैंकों का लाइसेंस किया रद्द, ग्राहकों को मिलेगा इतने लाख का रिफंड Bank License Cancel

Bank License Cancel – भारत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) न केवल बैंकों, बल्कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) का भी निगरानी करता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये संस्थाएं अपने कामकाजी नियमों का पालन करें और ग्राहकों के हितों की रक्षा करें। अगर कोई बैंक या वित्तीय संस्था नियमों का उल्लंघन करती है, तो RBI सख्त कार्रवाई करता है। हाल ही में, RBI ने कुछ ऐसे बैंकों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं, जिनका कामकाजी तरीका नियमों के खिलाफ था और जिनकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो चुकी थी।

4 बैंकों का लाइसेंस रद्द

अप्रैल 2025 में RBI ने 4 बैंकों का लाइसेंस रद्द कर दिया, जिससे इन बैंकों का कारोबार अब बंद हो गया है। इन बैंकों के ग्राहक अपनी जमा राशि को लेकर चिंता में थे, लेकिन RBI ने साफ किया है कि इन बैंकों के ग्राहक अब अपने पैसे को वापस प्राप्त करने के योग्य होंगे, बशर्ते कि यह राशि ₹5 लाख तक हो। इन ग्राहकों को अपनी जमा राशि पर DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) द्वारा प्रदान की जाने वाली जमा बीमा का लाभ मिलेगा।

यह बैंकों का लाइसेंस रद्द करने का फैसला RBI द्वारा उठाया गया था, ताकि किसी भी प्रकार के वित्तीय संकट या धोखाधड़ी से ग्राहकों को बचाया जा सके।

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रद्द किए गए बैंकों के नाम

  1. अंजना अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, औरंगाबाद – इस बैंक का लाइसेंस 22 अप्रैल को रद्द कर दिया गया।
  2. कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद – इस बैंक का लाइसेंस 16 अप्रैल को रद्द हुआ।
  3. इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जालंधर – 25 अप्रैल से इस बैंक का कारोबार बंद कर दिया गया।
  4. शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड, अकलुज – इस बैंक को 11 अप्रैल से कारोबार बंद करने का आदेश दिया गया।

क्यों किया गया लाइसेंस रद्द?

RBI ने इन बैंकों के लाइसेंस रद्द करने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि इनकी वित्तीय स्थिति बहुत कमजोर थी और ये अपने जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस नहीं कर पा रहे थे। RBI का मानना है कि इन बैंकों का अस्तित्व ग्राहकों के लिए एक बड़ा वित्तीय जोखिम बन सकता था। इसके अलावा, इन बैंकों की पूंजी और लाभ की संभावनाएं अपर्याप्त थीं, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि इन बैंकों का कामकाजी जारी रखना सही नहीं होगा।

RBI का यह कदम यह दिखाता है कि जब किसी बैंक की स्थिति खराब होती है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, ताकि ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। RBI इस प्रक्रिया में बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों की जवाबदेही तय करता है, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।

ग्राहकों के लिए क्या है राहत?

इन बैंकों के ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत यह है कि उन्हें अपनी जमा राशि पर ₹5 लाख तक का दावा करने का अधिकार मिलेगा। DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) इन ग्राहकों को जमा बीमा प्रदान करेगा, जिससे वे अपने पैसों का कुछ हिस्सा वापस पा सकते हैं। यह बीमा योजना ग्राहकों के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है और किसी भी बैंक के बंद होने या संकट में फंसने पर उनकी जमा राशि की कुछ हिस्सेदारी उन्हें वापस मिल जाती है।

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यह भी ध्यान देने योग्य है कि अगर कोई ग्राहक इन बैंकों में जमा राशि से अधिक रकम रखने का दावा करता है, तो वह राशि पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकती। ऐसे में, इन ग्राहकों को अपनी बाकी बची राशि के लिए बैंक से संपर्क करना होगा, और अगर बैंक कोई समाधान नहीं दे पाता है, तो ग्राहक को अन्य कानूनी रास्तों की तलाश करनी पड़ सकती है।

RBI की अन्य कार्रवाई

सिर्फ इन 4 बैंकों के लाइसेंस रद्द नहीं हुए, बल्कि RBI ने इस दौरान 8 अन्य बैंकों पर जुर्माना भी लगाया। इन बैंकों पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप था। जुर्माना लगाए गए बैंकों में प्रमुख नाम हैं:

  1. सिटी बैंक (City Bank)
  2. पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank)
  3. कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)
  4. आर्यावर्त बैंक (Aryavart Bank), लखनऊ
  5. श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक
  6. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड (IDFC First Bank)
  7. इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank)
  8. इंडियन बैंक (Indian Bank)

हालांकि, इन जुर्माने से ग्राहकों के लेन-देन या बैंक के कार्यों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इन बैंकों को जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है, लेकिन इनके ग्राहकों को अभी भी इन बैंकों की सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति है।

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RBI द्वारा इन 4 बैंकों के लाइसेंस रद्द करने और 8 बैंकों पर जुर्माना लगाने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि RBI किसी भी बैंक की वित्तीय स्थिति पर कड़ी नजर रखता है। जब भी कोई बैंक ग्राहकों के पैसों से खिलवाड़ करता है, तो RBI उसके खिलाफ कठोर कदम उठाता है। हालांकि ग्राहकों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे DICGC से अपनी जमा राशि पर ₹5 लाख तक का बीमा दावा कर सकते हैं।

इस कदम से यह भी स्पष्ट होता है कि RBI बैंकों की वित्तीय स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखता है, ताकि ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अगर आप भी इन बैंकों के ग्राहक हैं, तो आपको RBI की ओर से राहत मिलने का इंतजार है, और आपकी जमा राशि पर ₹5 लाख तक का बीमा सुनिश्चित किया जाएगा।

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