PM Awas Yojana Update : महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक शानदार पहल की है। अब पीएम आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जो भी नए घर मिलेंगे, वे सिर्फ महिला मुखिया के नाम पर ही स्वीकृत किए जाएंगे। यह फैसला महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत और समाज में उनका सम्मान बढ़ाने के इरादे से लिया गया है।
अब महिला के नाम पर ही होगा घर!
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने साफ कर दिया है कि जब तक कोई विशेष परिस्थिति न हो, अब से सभी ग्रामीण आवास योजनाएं महिला मुखिया के नाम पर ही मंजूर की जाएंगी। इसके लिए अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। ये बदलाव मिशन शक्ति अभियान के तहत लाया गया है, जो महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए सरकार द्वारा चलाया जा रहा है।
पहले से मंजूर घरों में भी महिलाओं को मिलेगा अधिकार
सबसे दिलचस्प बात ये है कि जो घर पहले पुरुषों के नाम पर स्वीकृत किए जा चुके हैं, उनमें भी अब महिला मुखिया का नाम जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है। यानी सिर्फ नए ही नहीं, पुराने घरों में भी महिलाओं की हिस्सेदारी तय की जा रही है।
अब तक के आंकड़े क्या कहते हैं?
ग्रामीण विकास विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत:
- 40.14% घर पहले से ही महिला मुखिया के नाम पर हैं
- 51.74% पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर हैं
- यानी कुल 91.87% घरों में महिलाओं की हिस्सेदारी है
मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भी:
- 29.25% घर महिला के नाम
- 37.78% संयुक्त नाम पर
- कुल 67.03% घरों में महिलाएं शामिल हैं
अब नए नियम से ये आंकड़े और बढ़ने तय हैं।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
इस बदलाव का सीधा असर महिलाओं की आर्थिक आज़ादी और सम्मान पर पड़ेगा। जब घर उनके नाम होगा, तो वे परिवार के फैसलों में ज्यादा ताकत के साथ बोल सकेंगी। साथ ही, संपत्ति का मालिकाना हक महिलाओं को भविष्य की अनिश्चितताओं से सुरक्षा भी देगा।
समाज और अर्थव्यवस्था पर असर
- सामाजिक रूप से, महिलाएं परिवार में ज्यादा सशक्त होंगी
- आर्थिक रूप से, वे अब लोन, सब्सिडी और अन्य सरकारी लाभों की हकदार बनेंगी
- परिवार और समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी
मिशन शक्ति और उसका महत्व
मिशन शक्ति यूपी सरकार की वो योजना है जो महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर फोकस करती है। अब इसमें आवास योजनाएं भी शामिल हो गई हैं, जो इसे और प्रभावी बना रही हैं।
योगी सरकार का यह कदम महिलाओं को स्वामित्व का अहसास दिलाता है, जिससे वे केवल एक गृहिणी नहीं, बल्कि एक गृहस्वामी भी बन सकेंगी। इससे समाज में महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल कायम होगी।