10 साल की नौकरी के बाद EPFO से पेंशन मिलेगी! जानिए कितनी होगी रकम और कैसे मिलेगी EPFO Pension Scheme

EPFO Pension Scheme – भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) एक ऐसी योजना है जो संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह योजना कर्मचारियों को उनकी रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन प्रदान करती है, जिससे वे अपने जीवन के अंतिम दौर में आर्थिक सुरक्षा पा सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि EPFO की इस पेंशन योजना के तहत, 10 साल की नौकरी करने के बाद कर्मचारियों को कितनी पेंशन मिलती है, पेंशन की गणना का तरीका क्या है और इसके अन्य महत्वपूर्ण पहलू क्या हैं।

EPFO पेंशन योजना की विशेषताएँ

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) के तहत, किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन दी जाती है। यह पेंशन कर्मचारी की अंतिम वेतन और सेवा अवधि पर निर्भर करती है। 10 साल तक की नौकरी करने के बाद कर्मचारी को इस योजना के तहत पेंशन मिल सकती है, बशर्ते उसने EPFO में नियमित योगदान दिया हो। यह पेंशन योजना मुख्य रूप से कर्मचारियों के लिए है जो संगठन में कम से कम 10 साल तक काम करते हैं और EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) में योगदान करते हैं।

किसे मिलेगा पेंशन और कितनी मिलेगी?

EPFO की पेंशन योजना के तहत, यदि किसी कर्मचारी ने कम से कम 10 साल तक नौकरी की है और EPFO में नियमित योगदान किया है, तो उसे पेंशन प्राप्त करने का हक प्राप्त होता है। पेंशन की शुरुआत सामान्यतः 58 साल की उम्र के बाद होती है, हालांकि इसे 50 साल की उम्र से भी शुरू किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पेंशन में 4% की कमी की जाती है। इसी तरह, अगर कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र के बाद पेंशन शुरू करता है, तो पेंशन में हर साल 4% की बढ़ोतरी की जाती है।

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पेंशन की गणना का तरीका

पेंशन की राशि की गणना एक विशेष फॉर्मूले के तहत की जाती है। इस फॉर्मूले के अनुसार, मासिक पेंशन = (पेंशनेबल सैलरी × पेंशनेबल सेवा वर्ष) ÷ 70।

यहाँ पर,

  • पेंशनेबल सैलरी वह वेतन है जो कर्मचारी के अंतिम 60 महीनों (5 वर्षों) की औसत बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) का योग है।
  • पेंशनेबल सेवा वह अवधि है जिस समय तक कर्मचारी ने EPFO में योगदान दिया है।

उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की पेंशनेबल सैलरी ₹15,000 है और उसने 10 साल तक नौकरी की है, तो उसकी मासिक पेंशन होगी:
₹15,000 × 10 ÷ 70 = ₹2,143

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इस प्रकार, 10 साल की सेवा के बाद कर्मचारी को ₹2,143 प्रति माह की पेंशन मिल सकती है।

पेंशन की न्यूनतम और अधिकतम सीमा

EPFO की पेंशन योजना के तहत, पेंशन की न्यूनतम राशि ₹1,000 प्रति माह निर्धारित की गई है। हालांकि, पेंशन की अधिकतम सीमा ₹7,500 प्रति माह तक हो सकती है। सरकार ने इस सीमा को बढ़ाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है, लेकिन फिलहाल यह सीमा ₹7,500 है।

पेंशन में कटौती और वृद्धि

अगर कोई कर्मचारी 58 साल से पहले पेंशन लेने की इच्छा व्यक्त करता है, तो उसे पेंशन में हर साल 4% की कटौती का सामना करना पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई कर्मचारी 54 साल की उम्र में पेंशन लेने का निर्णय लेता है, तो उसकी पेंशन में 16% की कटौती होगी।

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वहीं, यदि कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र के बाद पेंशन प्राप्त करता है, तो उसे हर साल 4% की वृद्धि मिलेगी। इस वृद्धि से कर्मचारियों को उनकी रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन में थोड़ी और मदद मिलती है।

EPFO पेंशन योजना के तहत अन्य महत्वपूर्ण पहलू

EPFO की पेंशन योजना का उद्देश्य कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित आय प्रदान करना है। इस योजना के तहत, कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान आवश्यक होता है। कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12% EPF में योगदान करते हैं, जिसमें से 8.33% हिस्सा EPS में जाता है। इस योगदान से ही कर्मचारियों को पेंशन का लाभ मिलता है।

इसके अलावा, पेंशन के कई प्रकार होते हैं:

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  1. सुपरएन्युएशन पेंशन: यह पेंशन 58 साल की उम्र के बाद शुरू होती है।
  2. विधवा/विधुर पेंशन: यह पेंशन कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके परिवार को मिलती है।
  3. निःशक्तता पेंशन: यह पेंशन कर्मचारी की असमर्थता की स्थिति में दी जाती है।

पेंशन क्लेम करने के लिए कर्मचारी को EPFO के माध्यम से आवेदन करना होता है। इसके लिए उन्हें आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होते हैं और पेंशन फॉर्म भरना होता है।

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) उन कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा योजना है जिन्होंने कम से कम 10 साल तक काम किया है और EPFO में योगदान किया है। इस योजना के तहत, 58 साल की उम्र के बाद कर्मचारी को मासिक पेंशन मिलती है, जो उनकी अंतिम सैलरी और सेवा अवधि के आधार पर तय की जाती है। पेंशन की न्यूनतम राशि ₹1,000 है, जबकि अधिकतम राशि ₹7,500 तक हो सकती है। इसके अलावा, पेंशन के लिए कुछ शर्तें भी हैं, जैसे कि कर्मचारी का EPFO में पंजीकृत होना और नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों का योगदान आवश्यक होना।

इस योजना के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित मासिक आय मिलती है, जिससे वे अपने जीवन यापन में कोई कठिनाई महसूस नहीं करते। यदि आप भी EPFO पेंशन योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको 10 साल की नौकरी और नियमित योगदान की शर्तों को पूरा करना होगा।

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