सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात! DA में बढ़ोतरी के साथ OPS की वापसी जल्द – DA & OPS Scheme News

DA & OPS Scheme News – सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए नई साल की शुरुआत खुशखबरी के साथ हुई है। केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 से महंगाई भत्ते यानी डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। पहले डीए 53 प्रतिशत था जो अब बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया है। इसका सीधा फायदा करीब 1 करोड़ 15 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलेगा। वहीं दूसरी ओर पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को लेकर भी सरकार गंभीर नजर आ रही है और इसे लागू करने पर विचार कर रही है।

महंगाई भत्ते का क्या होता है मतलब

महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बढ़ती महंगाई से राहत देने के लिए सरकार की ओर से वेतन के ऊपर अतिरिक्त पैसा होता है। यह भत्ता उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई पर आधारित होता है। जब भी बाजार में महंगाई बढ़ती है तो सरकार डीए में बढ़ोतरी कर देती है ताकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहे और वे अपने परिवार की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकें।

कर्नाटक के कर्मचारियों के लिए भी तोहफा

केंद्र के बाद कर्नाटक सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने 3.75 प्रतिशत महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर दी है जिससे कुल डीए 38.75 प्रतिशत हो गया है। इसके साथ ही यूजीसी और एआईसीटीई स्केल पर काम करने वाले शिक्षकों और न्यायिक सेवाओं के अधिकारियों को भी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। इससे राज्य सरकार पर सालाना 1109 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा लेकिन कर्मचारियों की खुशहाली के लिए यह जरूरी कदम माना जा रहा है।

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ओपीएस यानी पुरानी पेंशन स्कीम की वापसी की तैयारी

कर्मचारी संगठनों की लंबे समय से यह मांग रही है कि नई पेंशन योजना को खत्म कर पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाए। पुरानी स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उसकी अंतिम सैलरी का एक तय हिस्सा जीवनभर पेंशन के रूप में मिलता है जो महंगाई के हिसाब से हर साल बढ़ता भी है। केंद्र सरकार ने अब ओपीएस को लेकर एक समिति बनाने की बात कही है जो इसके विकल्पों पर विचार कर रही है।

कई राज्यों में पहले ही लागू हो चुकी है ओपीएस

राजस्थान हिमाचल प्रदेश पंजाब झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना पहले ही बहाल की जा चुकी है। इन राज्यों में गैर भाजपा सरकारें हैं जिन्होंने कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए ओपीएस लागू किया है। अब उम्मीद की जा रही है कि केंद्र भी इस दिशा में बड़ा फैसला ले सकता है जिससे लाखों कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा मिल सके।

डीए बढ़ोतरी से कितनी होगी सैलरी में बढ़त

अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन 20000 रुपये है तो पहले उसे 53 प्रतिशत के हिसाब से 10600 रुपये डीए मिलता था। अब 55 प्रतिशत डीए मिलने पर यह राशि 11000 रुपये हो जाएगी। यानी हर महीने 400 रुपये की अतिरिक्त आय होगी जो सालभर में 4800 रुपये तक हो सकती है। यह राशि कर्मचारियों के लिए महंगाई के दौर में एक अच्छा सपोर्ट बनेगी।

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एरियर का मिलेगा पूरा फायदा

सरकार ने घोषणा की है कि बढ़े हुए डीए का एरियर यानी बकाया भुगतान अक्टूबर 2025 की सैलरी के साथ दिया जाएगा। यानी जनवरी 2025 से अक्टूबर तक का सारा एरियर एक साथ मिलेगा जिससे त्योहारी सीजन में कर्मचारियों के पास एकमुश्त पैसा होगा और वे आराम से खर्च कर सकेंगे। इससे बाजार में भी खरीदारी बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा।

रेलवे कर्मचारियों को बोनस और यूपी सरकार का फैसला

केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस देने का फैसला भी किया है जिससे लाखों रेलवे कर्मचारी लाभान्वित होंगे। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों का डीए चार प्रतिशत तक बढ़ाया है। ये सभी कदम सरकार के कर्मचारी हितैषी रवैये को दर्शाते हैं।

महंगाई और डीए का सीधा संबंध

बाजार में लगातार खाद्य पदार्थों पेट्रोल डीजल गैस और अन्य जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ रही हैं। ऐसे में महंगाई भत्ता बढ़ना जरूरी था ताकि कर्मचारियों की जेब पर ज्यादा बोझ न पड़े। सरकार का यह कदम न सिर्फ कर्मचारियों की मदद करेगा बल्कि उनकी उत्पादकता और मनोबल भी बढ़ाएगा।

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डीए और ओपीएस से जुड़ा भविष्य का रास्ता

अब जब सरकार ने डीए बढ़ाया है और ओपीएस पर विचार कर रही है तो कर्मचारी वर्ग को उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी अच्छे फैसले होंगे। वेतन पुनरीक्षण प्रमोशन की प्रक्रिया में सुधार और भत्तों में पारदर्शिता जैसे मुद्दे भी जल्द सुलझ सकते हैं। अगर ओपीएस को दोबारा लागू किया गया तो यह लाखों कर्मचारियों के लिए राहत की सांस होगी।

डीए बढ़ोतरी और ओपीएस की संभावित वापसी दोनों ही कदम सरकार और कर्मचारियों के बीच रिश्तों को मजबूत करेंगे। इससे कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा के साथ साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा मिलेगा क्योंकि जब कर्मचारियों के पास खर्च करने की ताकत होगी तो बाजार में मांग बढ़ेगी और व्यापार को रफ्तार मिलेगी।

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