RBI Repo Rate – अगर आप भी फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD में निवेश करने की सोच रहे हैं या पहले से ही निवेश कर चुके हैं तो आपके लिए ताजा खबर थोड़ी निराश करने वाली है। अप्रैल 2025 में देश के कई बड़े बैंकों ने अपनी FD ब्याज दरों में कटौती कर दी है। अब इस लिस्ट में उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक का नाम भी जुड़ गया है। इस बैंक ने 3 करोड़ रुपये से कम की चुनिंदा अवधि वाली एफडी पर ब्याज दरों में 0.20 प्रतिशत यानी 20 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है। यही नहीं बैंक ने अपने सेविंग अकाउंट्स की ब्याज दरों में भी बदलाव किया है। यह नया नियम 27 अप्रैल 2025 से लागू हो चुका है।
क्यों घट रही हैं FD की ब्याज दरें
इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI द्वारा रेपो रेट को 6 प्रतिशत तक घटाना है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। रेपो रेट घटने का मतलब होता है कि बैंक सस्ते लोन दे सकते हैं लेकिन इसके साथ ही बैंकों का फंडिंग खर्च भी घटता है इसलिए वे जमा पर दी जाने वाली ब्याज दरें भी कम कर देते हैं। इसीलिए अब एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक और यस बैंक जैसे कई बड़े नाम भी ब्याज दरों में कटौती कर चुके हैं।
FD निवेशकों पर असर क्या होगा
एफडी निवेशकों के लिए इस कटौती का सीधा असर उनके रिटर्न पर पड़ेगा। जो लोग फिक्स्ड डिपॉजिट को सुरक्षित और स्थिर रिटर्न का जरिया मानते हैं, उनके लिए मिलने वाला ब्याज अब पहले के मुकाबले कम हो जाएगा। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं तो थोड़ा सोचना पड़ेगा कि मौजूदा दर पर निवेश करना फायदेमंद रहेगा या किसी और विकल्प पर ध्यान देना चाहिए।
अप्रैल 2025 के बाद प्रमुख बैंकों की नई FD ब्याज दरें
अब नजर डालते हैं कुछ बैंकों की नई एफडी ब्याज दरों पर जो 12 से 36 महीनों के कार्यकाल के लिए लागू हैं।
- उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक अब 7.50 प्रतिशत से 8.00 प्रतिशत तक ब्याज दे रहा है जो पहले से 0.20 प्रतिशत कम है।
- एसबीआई की ब्याज दर 7.85 प्रतिशत रह गई है जिसमें 10 से 20 बेसिस प्वाइंट की कटौती हुई है।
- पीएनबी की ब्याज दर भी 7.50 से 8.00 प्रतिशत के बीच हो गई है।
- एचडीएफसी बैंक और यस बैंक ने भी इसी तरह की कटौती की है।
- शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक ने भी ब्याज दरों को 15 से 20 बेसिस प्वाइंट तक घटा दिया है।
RBI के नए नियम 2025 में
आरबीआई ने एफडी निवेशकों की सुविधा के लिए कुछ नए नियम भी लागू किए हैं। अब अगर किसी की जमा राशि 10 हजार रुपये तक है तो वह 3 महीने के अंदर उसे बिना ब्याज के निकाल सकता है। साथ ही आंशिक निकासी की सुविधा भी दी गई है जिसमें आप अपनी कुल एफडी का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपये तक निकाल सकते हैं। अगर कोई बीमारी के चलते अपनी एफडी को पूरा तोड़ना चाहता है तो मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाकर पूरी राशि बिना पेनल्टी निकाली जा सकती है लेकिन इस पर ब्याज नहीं मिलेगा।
इसके अलावा एनबीएफसी कंपनियों को अब एफडी की मेच्योरिटी से दो सप्ताह पहले निवेशकों को सूचित करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम एफडी निवेशकों की पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए लाया गया है।
टैक्स को लेकर भी बदलाव की तैयारी
2025 के बजट में एफडी पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स की नई प्रणाली लागू हो सकती है। इसमें सुझाव दिया गया है कि ब्याज पर फ्लैट 15 प्रतिशत टैक्स लगे। इसका फायदा यह होगा कि टैक्स प्रक्रिया सरल हो जाएगी लेकिन नुकसान यह हो सकता है कि जिनकी आय कम है उन्हें ज्यादा टैक्स भरना पड़ सकता है।
FD निवेशकों के लिए कुछ जरूरी टिप्स
अगर आप एफडी में निवेश करने जा रहे हैं तो मौजूदा ब्याज दरों पर लंबे कार्यकाल की एफडी करा सकते हैं ताकि भविष्य में और दरें कम होने पर आपको नुकसान न हो।
- क्यूमुलेटिव एफडी का विकल्प चुनें जहां ब्याज पर भी ब्याज मिलता है जिससे आपका निवेश ज्यादा तेजी से बढ़ता है।
- अगर आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं तो डेब्ट म्यूचुअल फंड्स जैसे विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं जो समय के साथ बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
- आरबीआई के नए निकासी नियमों को ध्यान में रखकर एफडी प्लानिंग करें ताकि जरूरत पड़ने पर पैसे आसानी से निकाले जा सकें।
- टैक्स से जुड़ी संभावित नई नीतियों पर भी नजर रखें और उसी अनुसार निवेश योजना बनाएं।
अप्रैल 2025 में ब्याज दरों में आई इस कटौती ने एफडी निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। भले ही एफडी अब भी एक सुरक्षित निवेश विकल्प है लेकिन कम ब्याज दरों के कारण रिटर्न उतना आकर्षक नहीं रह गया है। ऐसे में जरूरी है कि निवेशक जागरूक रहें और बाजार में उपलब्ध अन्य विकल्पों की भी सही जानकारी लेकर निवेश का सही निर्णय लें। आने वाले समय में रेपो रेट या फिर महंगाई में बदलाव के साथ ब्याज दरों में और भी फेरबदल हो सकता है इसलिए अपनी रणनीति लचीली रखें।