7th Pay Commission – अगर आप केंद्रीय सरकारी कर्मचारी हैं या पेंशनभोगी हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से वेतन ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। बात हो रही है 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद अब 8वें वेतन आयोग के गठन की और उससे जुड़ी भत्तों की कटौती की। नए आयोग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इस बार कर्मचारियों को जितनी खुशी सैलरी बढ़ने की होगी उतनी ही चिंता कुछ जरूरी भत्तों के खत्म होने की भी हो सकती है।
क्यों हो रही है चर्चा भत्तों की कटौती की
सरकार हर वेतन आयोग के गठन के साथ सैलरी के अलावा भत्तों का भी पूरा मूल्यांकन कराती है। पुराने, अप्रासंगिक या दोहराव वाले भत्तों को हटाने का निर्णय अक्सर लिया जाता है ताकि सरकारी खर्च को संतुलित रखा जा सके। 7वें वेतन आयोग के दौरान भी ऐसा हुआ था जब कई भत्तों पर कैंची चली थी और अब 8वें वेतन आयोग में भी कुछ ऐसा ही दोहराया जा सकता है।
1.2 करोड़ कर्मचारियों पर असर
देशभर में लगभग 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और करीब 60 लाख पेंशनर्स हैं। जब भी वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं तो इन सभी लोगों पर इसका असर पड़ता है। भत्ते खत्म होने का सीधा असर कर्मचारियों की कुल सैलरी पर पड़ता है क्योंकि बेसिक सैलरी के अलावा HRA, DA, TA जैसे अलाउंस मिलाकर ही इनकी इन-हैंड सैलरी बनती है।
8वें वेतन आयोग को मिली हरी झंडी
नए साल की शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद से कर्मचारियों को बेसब्री से इसके गठन का इंतजार है। अप्रैल 2025 तक इसके चेयरमैन और सदस्यों की घोषणा की उम्मीद जताई जा रही है। इसके बाद आयोग अपने काम की शुरुआत करेगा जिसमें भत्तों की समीक्षा एक अहम हिस्सा होगी।
7वें वेतन आयोग में क्या हुआ था
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। उस समय आयोग ने कुल 196 भत्तों का मूल्यांकन किया था जिसमें से केवल 95 भत्तों को ही बनाए रखने की सिफारिश की गई थी। बाकी 101 भत्तों को या तो समाप्त कर दिया गया था या फिर किसी अन्य भत्ते के साथ मर्ज कर दिया गया था। यह फैसला कार्यक्षमता और सरकारी खर्च को नियंत्रित करने के लिहाज से लिया गया था।
किन भत्तों पर चल सकती है इस बार कैंची
हालांकि अभी तक सरकार या आयोग की ओर से कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं की गई है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के मुताबिक इस बार कुछ पुराने भत्तों को हटाया जा सकता है जो या तो अब प्रासंगिक नहीं हैं या फिर एक ही तरह की सुविधा के लिए अलग-अलग भत्ते दिए जा रहे हैं। मसलन कुछ खास विभागों में मिलने वाले विशेष टाइपिंग अलाउंस, कैश हैंडलिंग अलाउंस, ड्रेस अलाउंस जैसे भत्तों की समीक्षा हो सकती है।
नए भत्ते भी जुड़ सकते हैं
जहां कुछ पुराने भत्ते हटाए जाएंगे वहीं समय की जरूरत के मुताबिक नए भत्तों को जोड़ा भी जा सकता है। जैसे कि वर्क फ्रॉम होम अलाउंस या डिजिटल कनेक्टिविटी अलाउंस जैसी सुविधाएं जिनकी आज के दौर में ज्यादा जरूरत महसूस की जा रही है। कोरोना के बाद से वर्क फ्रॉम होम एक सामान्य तरीका बन चुका है ऐसे में कर्मचारियों को इंटरनेट, बिजली या होम ऑफिस के लिए मदद देने वाले भत्ते की मांग उठी है।
पेंशनभोगियों पर भी होगा असर
केवल नौकरीपेशा कर्मचारियों पर ही नहीं बल्कि पेंशनभोगियों पर भी इस बदलाव का असर होगा। चूंकि पेंशन की गणना भी अंतिम सैलरी और भत्तों के आधार पर होती है ऐसे में यदि कोई भत्ता हटा दिया जाता है तो उसकी वजह से पेंशन में भी कटौती हो सकती है।
DA Hike और नए वेतन आयोग का तालमेल
एक ओर जहां 2025 के मध्य या आखिर तक DA में बढ़ोतरी की घोषणा होने की संभावना है वहीं दूसरी ओर 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में आने वाला समय केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए काफी अहम होने वाला है। जहां एक ओर सैलरी में संभावित बढ़ोतरी से राहत मिल सकती है वहीं दूसरी ओर कुछ भत्तों के जाने से निराशा भी हो सकती है।
सरकार का मकसद वेतन आयोगों के ज़रिए कर्मचारियों को समय के साथ बेहतर वेतन और सुविधाएं देना होता है लेकिन इसके साथ ही सरकारी खर्च को भी काबू में रखना जरूरी होता है। इसी वजह से हर आयोग कुछ भत्तों को हटाने और कुछ को बनाए रखने का फैसला करता है। 8वें वेतन आयोग के तहत भी अगर कुछ भत्ते खत्म किए जाते हैं तो उसका असर सीधे आपकी सैलरी पर पड़ेगा। ऐसे में समय रहते खुद को अपडेट रखना और नई घोषणाओं पर नज़र बनाए रखना हर सरकारी कर्मचारी के लिए जरूरी है।